हिन्दू धर्म में रंगों के त्योहार होली पर्व का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार इस पर्व की शुरुआत फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन से हो जाती है। पूर्णिमा तिथि के दिन प्रदोष काल में होलिका दहन का आयोजन किया जाता है और अगले दिन रंगवाली होली खेली जाती है। इस वर्ष भद्रा के कारण होलिका दहन का आयोजन देश के कुछ हिस्सों में आज किया जा रहा है वहीं कुछ हिस्सों में कल यानि 07 मार्च 2023, मंगलवार के दिन किया जाएगा।
बता दें कि होलिका दहन के सन्दर्भ में कुछ उपाय और टोटके बताए गए हैं, जिन्हें करने से साधक को सभी संकटों से मुक्ति मिल जाती है और परिवार पर धनवर्षा होने लगती है। आइए जानते हैं होलिका दहन से जुड़े कुछ आसान और प्रभावशाली टोटके।
होलिका दहन पर करें ये 5 टोटके
होलिका दहन के समय एक सूखे नारियल के गोले में अलसी का तेल और थोड़ा सा गुड़ मिलाकर भर लें और फिर अपनी मनोकामना को मन ही मन दोहराते हुए उसे होलिका के अग्नि में अर्पित कर दें। ऐसा करने से ग्रह दोष शांत होता है, साथ ही राहु का दुष्प्रभाव भी कम होने लगता है।
होलिका दहन के दौरान 11 बार होलिका की परिक्रमा करें और अंत में सूखे नारियल की आहुति प्रदान करें। इसके अलावा आप होलिका दहन स्थल पर पान, नारियल और सुपारी अर्पित कर सकते हैं। ऐसा करने से धन समृद्धि की प्राप्ति होती है और आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि एक काले कपड़े में काला तिल, 50 ग्राम सरसों, 7 सुपारी और काली मिट्टी भर लें और उसकी पोटली बना लें। इसके बाद इस पोटली को अपने सिर पर कम से कम 7 घुमाएं और फिर होलिका की परिक्रमा करने के बाद उसे अग्नि में अर्पित कर दें। ऐसा करने से जीवन में आ रही आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
होलिका दहन के दिन माता लक्ष्मी की पूजा को शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन श्रीयंत्र और माता लक्ष्मी की पूजा अवश्य करें। साथ ही उन्हें खीर का भोग लगाएं। हो सके तो होलिका दहन के समय यदि घर पर गुजिया बनी हो तो कम से कम 8 गुजिया को लेकर होलिका में अर्पित कर दें। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
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