प्रत्येक ग्रह एक अवधि के बाद राशि परिवर्तन करते हैं। जिसके कारण एक राशि में दो ग्रहों की युति होती है। इन ग्रह गोचर और युति के कारण सभी राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक रूप से प्रभाव पड़ता है। बता दें कि अप्रैल महीने में राहु और बृहस्पति की युति का योग बनेगा, जिसके कारण गुरु चांडाल योग का निर्माण होगा। ज्योतिष शास्त्र में बताया है कि गुरु चांडाल योग बहुत ही अशुभ योग होता है, जिसके कारण कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। जानकारी के लिए बता दें कि जब गुरु और राहु ग्रह की युति होती है, तब गुरु चांडाल योग का निर्माण होता है।
कब बनेगा गुरु चांडाल योग
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि 22 अप्रैल 2023 को गुरु और राहु ग्रह की युति के कारण गुरु चांडाल योग का निर्माण होगा। बता दे कि इस वर्तमान समय में राहु ग्रह मेष राशि में स्थित हैं और 22 अप्रैल को गुरु ग्रह मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे और 13 महीनों तक इसी राशि में उपस्थित रहेंगे। मेष राशि में गुरु और राहु ग्रह की युति 6 महीने तक रहेगी जिसके बाद राहु वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। तब तक गुरु चांडाल योग बना रहेगा।
ज्योतिष शास्त्र में ग्रह और उनके चाल के विषय में विस्तार से बताया गया है। जहां एक तरफ गुरु ग्रह को शुभ ग्रह माना जाता है, उसी के विपरीत राहु ग्रह को पापी ग्रह कहा गया है। जब इन दोनों ग्रहों की युति एक राशि में होती है, तब गुरु चांडाल योग का निर्माण होता है। जिसके कारण कई राशियों पर गुरु ग्रह का सकारात्मक प्रभाव न होकर राहु का अशुभ प्रभाव पड़ता है। बता दें कि गुरु चांडाल योग के कारण जातक के मन में नकारात्मक विचार उत्पन्न होते रहते हैं, साथ ही छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गुरु चांडाल योग के कारण सेहत और आर्थिक क्षेत्र पर भी अशुभ प्रभाव पड़ता है। जिससे धन हानि व किसी बीमारी की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है।
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