सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) के दिवालिया होने के बाद स्टार्टअप्स (Startup) पर इसका बुरा असर पड़ने की आशंका जताई गई है. इनमें भारत समेत दुनिया भर के स्टार्टअप्स शामिल हैं. अनुमान है कि बैंक के दिवालिया होने से 1 लाख से ज्यादा लोगों के रोजगार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. 10 हजार से ज्यादा स्टार्टअप्स पर इसका सीधा असर हो सकता है.
10 हजार स्टार्टअप्स पर संकट!
नेशनल वेंचर कैपिटल एसोसिएशन यानी NVCA के आंकड़ों के मुताबिक सिलिकॉन वैली बैंक में 37 हजार से ज्यादा छोटे बिजनेसेस के खाते हैं, जिनमें हरेक खातेदार की ढाई लाख डॉलर से ज्यादा की रकम जमा है. बैंक के दिवालिया होने के बाद ये रकम अब इन छोटे बिजनेसेस को लंबे समय तक नहीं मिलने की आशंका है. पैसा नहीं निकाल पाने की वजह से इनके सामने सैलरी देने का संकट खड़ा हो सकता है. इससे 10 हजार से ज्यादा छोटे कारोबार और स्टार्टअप्स पर सीधा असर होगा.
अमेरिकी सरकार ने हाथ खड़े किए!
वहीं अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा है कि सरकार, सिलिकन वैली बैंक को कोई राहत नहीं देगी. हालांकि अमेरिकी सरकार ने दावा किया है कि वो ग्राहकों की जमा रकम को बचाने के लिए कोशिश कर रही है. फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ढाई लाख डॉलर तक की जमा रकम का बीमा करता है. लेकिन कई कंपनियों और अमीर लोगों के बैंक खातों में इससे ज्यादा रकम है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कई कंपनियों के कर्मचारियों को उनकी तनख्वाह नहीं मिलेगी.
SVB संकट से भारत में बढ़ी चिंता
वहीं सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने के बाद भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की चिंता बढ़ गई है. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि वो स्टार्टअप के संस्थापकों और CEO के साथ बैठक करेंगे, जिससे ये देखा जा सके कि संकट के समय सरकार उनकी क्या मदद कर सकती है. चंद्रशेखर ने कहा कि SVB का बंद होना दुनियाभर के स्टार्टअप्स के लिए बड़ी मुश्किल का सबब बनकर आ सकता है.
स्टार्टअप सेक्टर का संकट गहराया
स्टार्टअप सेक्टर पहले ही काफी मुश्किलों में फंसा हुआ है. 2022 में भारत समेत दुनियाभर के स्टार्टअप में छंटनी का तेज सिलसिला देखा गया. यही नहीं इनको मिलने वाली फंडिंग में भी काफी कमी दर्ज की गई है. ऐसे में ये नया संकट भारत में तेजी से उभरते इस सेक्टर के सामने एक और नई चुनौती की वजह बन सकता है.