पंजाब के अमृतसर में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने आज अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया. इसमें छह पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं, जिन्हें अजनाला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अमृतपाल सिंह का कहना है कि पिछले सप्ताह हमारे एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया था, वह निर्दोष है. उसे प्रताड़ित किया जा रहा है. अमृतपाल सिंह ने एफआईआर से उसका नाम नहीं हटाए जाने पर थाने का घेराव करने की धमकी दी थी.
अमृतपाल ने दी धमकी, …तो प्रशासन होगा जिम्मेदार
‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने कहा है कि सिर्फ एक राजनीतिक मकसद से FIR दर्ज की गई. अगर वे एक घंटे में मामले को रद्द नहीं करते हैं, तो आगे जो कुछ भी होगा, उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा. उन्हें लगता है कि हम कुछ नहीं कर सकते, इसलिए ये शक्ति प्रदर्शन जरूरी था.
तूफान सिंह को कल किया जाएगा रिहा- एसएसपी
जानकारी के अनुसार, अमृतपाल सिंह के समर्थकों की अमृतसर में पुलिस से झड़प हो गई. इस मामले में अमृतसर के एसएसपी ने कहा कि है कि अमृतपाल ने सबूत दिए हैं, उससे पता चला है कि लवप्रीत उर्फ तूफान सिंह दोषी नही हैं, इसलिए कल उसे रिहा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है.
‘जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं, तो हम खालिस्तान की क्यों नहीं’
वहीं इस मामले को लेकर अमृतपाल सिंह ने कहा कि हम खालिस्तान के मामले को बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं. जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं तो हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते.
अमृतपाल ने कहा कि दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी को खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी थी. हमें कोई नहीं रोक सकता, चाहे वह पीएम मोदी हों, अमित शाह हों या भगवंत मान. मुझ पर और मेरे समर्थकों पर लगाए गए आरोप झूठे हैं.
हम खुद का बलिदान करने को तैयार हैं- अमृतपाल
अमृतपाल ने कहा कि अगर भारत एक लोकतांत्रिक देश है तो शांतिपूर्ण विरोध को कुचलना नहीं चाहिए. हमारे पूर्वजों ने देश को बचाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए, हम भी अपने धर्म और अपने समुदाय को बचाने के लिए खुद का बलिदान करने के लिए तैयार हैं.
बता दें कि अमृतपाल सिंह का नाम पंजाब के शिवसेना नेता सुधीर सूरी हत्याकांड में भी सामने आया था. सुधीर सूरी के परिवार ने हत्याकांड में अमृतपाल सिंह का नाम भी शामिल करने की मांग की थी. इसके बाद पुलिस ने ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह को मोगा के गांव सिंगावाला में नजरबंद कर दिया था. दरअसल अमृतपाल सिंह जालंधर के विशाल नगर में कीर्तन के लिए रवाना होने वाला था, तभी पुलिस ने गुरुद्वारा के पास अमृतपाल को नजरबंद कर दिया था.
तलवारों और बंदूकों के साथ तोड़े बैरिकेड्स
अमृतपाल के सहयोगी को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में पंजाब के अजनाला थाने में पहुंचे समर्थकों ने तलवारों और बंदूकों के साथ पुलिस बैरीकेड्स तोड़ दिए. समर्थक अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के विरोध में पुलिस स्टेशन के बाहर इकट्ठा हुए थे.
सुधीर सूरी हत्याकांड में पुलिस ने वारदात के कुछ देर बार ही हमलावर संदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया था. उसकी कार भी जब्त कर ली थी. आरोपी की कार में खालिस्तानियों का पोस्टर लगा हुआ था. इसके अलावा संदीप के इंस्टाग्राम और फेसबुक पर उसके हालिया पोस्ट से पता चला था कि वह कट्टरपंथी था.संदीप सिंह ने अपने अकाउंट से अमृतपाल सिंह के कई वीडियो पोस्ट किए थे. जिनमें खालिस्तान समर्थक नेता से मुलाकात का एक वीडियो भी था.
खालिस्तानी समर्थक माना जाता है अमृतपाल
अमृतपाल जरनैल सिंह भिंडरावाले का समर्थक है. उसे खालिस्तानी समर्थक माना जाता है. सितंबर में अमृतपाल को संगठन का प्रमुख बनाया गया है. ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन को अभिनेता संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू ने खड़ा किया था. दीप सिद्धू 26 जनवरी, 2021 को लालकिले पर हुए उपद्रव के मामले में प्रमुख आरोपी था.