देहरादून: उत्तराखंड का चर्चित अंकिता हत्याकांड मामले में नया मोड़ सामने आया है. वनंत्रा रिजॉर्ट के एक कर्मचारी ने अपनी गवाही में नये खुलासे किए हैं. जिसके अनुसार इस हत्याकांड में शामिल एक आरोपी ने अंकिता के साथ कई बार अनैतिक कार्य करने का प्रयास किया था. वहीं, इसके अलावा मुख्य आरोपी पर भी गवाह ने गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसके बाद से कांग्रेस सरकार पर हमलावर नजर आ रही है. मामले में वीआईपी के नाम का खुलासा करने की मांग को लेकर कांग्रेस कल सचिवालय कूच करेगी.अंकिता भंडारी हत्याकांड में नया मोड़ सामने आने के बाद महिला कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मामले को लेकर कांग्रेस महिला मोर्चा ने कल सचिवालय कूच करने का निर्णय लिया है. महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा शनिवार को मुख्य मुद्दों के अलावा अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर सचिवालय कूच किए जाने का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा हत्याकांड के मुख्य गवाह ने कोटद्वार एडीजे कोर्ट में अपनी गवाही में कई खुलासे किए हैं. इससे पुलिस की जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं. साथ ही सरकार वीआईपी का नाम भी छुपा रही है.
ज्योति रौतेला ने कहा कल महिला कांग्रेस कार्यकर्ता सचिवालय कूच करके मुख्यमंत्री से यह सवाल पूछने जा रही हैं कि आखिर सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि प्रदेश की एक बेटी की हत्या हो जाती है, लेकिन सरकार उस वीआईपी को बचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है.ज्योति रौतेला ने कहा कांग्रेस काफी समय से अंकिता हत्याकांड में संलिप्त वीआईपी का नाम उजागर करने की मांग कर रही है, लेकिन भाजपा सरकार अपने वीआईपी नेता को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. भाजपा सरकार की संवेदनहीनता को देखते हुए कल महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने जा रही है.
वित्तीय अनियमितता के आरोप में जिला पंचायत सदस्य का पद गंवा चुके हरीश ऐठानी सामने आए हैं. उन्होंने सदस्यता समाप्त करने के निर्णय को राजनीति से प्रेरित बताया है. इस मामले में पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने हरीश ऐठानी को अपना समर्थन दिया. प्रदीप टम्टा का कहना है कि बीजेपी कांग्रेस की बढ़ती ताकत से बौखलाहट में लोकतंत्र का गला घोंट रही है.
सदस्यता जाने के बाद सामने आए हरीश ऐठानीबागेश्वरः पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और निवर्तमान जिपं सदस्य हरीश ऐठानी ने सदस्यता समाप्त किए जाने के निर्णय को राजनीति से प्रेरित बताया है. उन्होंने इसे आगामी पंचायत चुनाव और लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की बढ़ती ताकत को देखते हुए सरकार की बौखलाहट बताया. उन्होंने कहा बीजेपी उन्हें चुनाव में हरा नहीं पाई तो राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाया जा रहा है.पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने कहा उन पर पूर्व विधायक ने आरोप लगाए हैं. आरोपों में कहीं भी वित्तीय अनियमितता की बात नहीं कही गई है. जिन बिंदुओं को उठाया गया है, वो जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी, वित्त नियंत्रक, निविदा समिति आदि की संस्तुति के अनुसार होते हैं. बावजूद इसके जांच केवल अध्यक्ष की कराई गई. बीती 28 अप्रैल को सदस्यता समाप्त करने का आदेश, उन्हें 5 मई की सुबह मिलता है. जबकि इससे पहले वो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
आखिर पत्र उनके पास आने की बजाय कैसे वायरल हो गया. यह भी जांच का विषय है. आदेश में पत्र में इस बात का उल्लेख है कि शिकायत तीन प्रतियों में शपथ पत्र के माध्यम से नहीं की गई, जो प्रक्रियात्मक त्रुटि है. बावजूद इसके उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. वो इस मामले को लेकर विधिक राय ले रहे हैं और न्यायालय पर उन्हें पूरा भरोसा है.
वहीं, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने बताया कांग्रेस बीजेपी के षड्यंत्र से डरने वाली पार्टी नहीं है. आजादी की लड़ाई से लेकर जनता की हित की लड़ाई के लिए कांग्रेस हमेशा जीतती आई है. बीजेपी विपक्ष को खत्म करना चाहती है. लगातार विपक्ष के सदस्यों को टारगेट करना और उनकी जांच कराने के अलावा कुछ नहीं कर रही है.
उन्होंने कहा की कितना हास्यपद है कि सरकारी स्कूलों को शिक्षक मुहैया नहीं करा पा रही है. जब बच्चों और अभिभावकों के आंदोलन को देखते हुए जिला पंचायत ने स्कूल को शिक्षक मुहैया कराया. जिला पंचायत का धन्यवाद करने की जगह, उन्होंने शिक्षक स्कूल में कैसे दिए. इसकी जांच की जा रही है.उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वो सड़क से लेकर सदन तक जाएंगे. न्यायालय से इसका जवाब जल्द ही मिल जाएगा. क्योंकि, न्यायालय से ही न्याय की उम्मीद है. गौर हो कि हरीश ऐठानी पर वित्तीय अनियमितता का आरोप है. जिसके बाद उन्हें जिला पंचायत सदस्य पद से सदस्यता खत्म कर दी गई है. साथ ही आगामी 5 सालों तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगाई है.