सारण: बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब कांड के बाद से कोहराम मचा हुआ है. जिले के इशुआपुर मशरख, बहरौली, मढौरा समेत अलग-अलग इलाकों में शराब पीने से लोगों के मौत की खबर आ रही है. बताया जा रहा है कि इस जहरीली शराब कांड की वजह से अब तक 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. स्थानीय लोगों के अनुसार शराब का सेवन करने वाले कबाड़ खरीद-बिक्री करने वाले लोग थे. इन लोगों ने मशरख से शराब खरीदा था. इसके बाद सभी ने बहरौली गांव में एक साथ शादी समारोह के दौरान शराब पी, जिसके बाद धीरे-धीरे सभी की तबीयत बिगड़ने लगी.
जिले के इशुआपुर और मशरख क्षेत्र के बाद अब कई अन्य क्षेत्रों में जहरीली शराब से मौत के मामले सामने आने लगे हैं. मढौरा में जहरीली शराब पीने के 15 और नए मामले सामने आए हैं. इनमें से 3 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 12 से अधिक लोग बीमार हैं. इनमें से चार को छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बात 2 दिनों में हुई कुल मौतों की करें तो अब तक 30 लोगों से अधिक की मौत शराब पीने से हो चुकी है जिससे जिले में कोहराम मचा हुआ है.
इस बीच छपरा में हुए शराब कांड पर डीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अब तक 26 लोगों की मौत की पुष्टि की है. राजेश मीणा और एसपी संतोष कुमार ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 13 और 14 दिसंबर को हुई मौतों को संदिग्ध मौत बताया है और इस मामले में की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा दिया है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब सभी जगह जहरीले शराब से मौत की बात कही जा रही है तो प्रशासन इन मौतों को अभी तक संदिग्ध क्यों बता रहा है. अपुष्ट सूत्रों के अनुसार 40 लोगों की मौत शराब पीने से हो गई है.
मृतकों में शामिल कुछ के परिजनों से न्यूज़ 18 की टीम ने बात की. जिसमें अमरावती देवी ने बताया कि पति कबाड़ी के काम करते हैं और अच्छी इनकम होती थी. लेकिन, अधिकांश पैसा शराब में चला जाता था. विरोध करने पर घर में मार पिटाई होती थी तो अलग लिहाजा वे लोग चुप रहती थी. लेकिन, अब तो सुहाग ही उजड़ गया अब सरकार ही जाने की परिवार का क्या होगा.