गैर संप्रदाय की युवती से विवाह करने के लिए युवक ने भिक्षुक की हत्या कर खुद को मृत दर्शा दिया था। उसके बाद युवती से विवाह किया। अदालत ने इस मामले में प्रेमी और प्रेमिका को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
शासकीय अधिवक्ता राजकुमार सिंह ने बताया कि पिरान कलियर निवासी शराफत ने 19 सितंबर 2016 को अपने भाई मुकर्रम की लाश मिलने की सूचना दी थी। बताया था कि वह चार दिन पहले रोशनाबाद फैक्टरी में काम करने गया था, तब से लापता था। शराफत ने गांव निवासी आरिफ पर घर आकर मुकर्रम को धमकी देने का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस ने आरिफ के खिलाफ केस दर्ज कर विवेचना शुरू की थी। जांच के बाद मुकर्रम व उसकी प्रेमिका पूजा को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में दोनों ने बताया था कि दोनों अलग समुदाय होने के चलते शादी नहीं कर पा रहे थे। जिससे दोनों ने षड्यंत्र रचकर एक भिखारी की हत्या कर दी। इसके बाद मुकर्रम की हत्या दर्शाकर बाहर जाकर शादी करने की योजना बनाई थी। पुलिस ने हत्यारोपी मुकर्रम, षड्यंत्र की आरोपी पूजा निवासी ग्राम मानक माजरा भगवानपुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार की अदालत में सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष ने 13 गवाह प्रस्तुत किए। मुकर्रम ने खुद की हत्या दर्शाने के मकसद से भिखारी को खाना खिलाने के बहाने बुला ले गया और पाठल से उसका गला काट दिया था। नाक व मुंह पर चोट मारकर चेहरे व कपड़ों को आग से जला दिया था। जिससे कोई व्यक्ति सही तरीके से शव को पहचान न सके।