दिल्ली: मछली खाने से एक महिला की जान जोखिम में पड़ गई. ये आपको अजीब लग रहा होगा, लेकिन ऐसा तो हुआ है. मछली के सेवन से महिला की किडनी फेल हो गई. दरअसल, रांची की रहनी वाली सीता देवी को डायबिटीज की बीमारी थी. वह इसके लिए एक हकीम के पास चली गई. हकीम ने सीता देवी से रोजाना लोबिया रोहिता मछली के कच्चे गॉल ब्लैडर को खाने की सलाह दी. महिला इसका सेवन शुरू कर दिया, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उन्हें उल्टी आने लगी.
दिन में कई बार उल्टी आ रही थी और महिला की हालत गंभीर होती जा रही है. ऐसे में परिजनों ने उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में एडमिट कराया. अस्पताल में डॉक्टरों ने सभी जांच की और उनको नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट में भर्ती कराया गया. यहां किडनी की बायोप्सी की गई, जिसमें पता चला कि किडनी में काफी सूजन है. टेस्ट में पता चला कि मरीज को को एक्यूट किडनी फेल होने की समस्या हो गई थी. इसको देखते हुए हेमोडायलिसिस किया है. स्टेरॉयड की खुराक भी दी गई.
करीब एक सप्ताह तक ट्रीटमेंट चला. इसके बाद किडनी ठीक होने लगी. अस्पताल में करीब दो सप्ताह रहने के बाद महिला को छुट्टी दे दी गई. वह अब रिकवर हो गई है. डॉक्टरों ने बताया कि देश के की हिस्सों में मछली के गॉल ब्लैडर का लोग खाते हैं. यह भी कहा जाता है कि इस मछली से डायबिटीज और अस्थमा जैसी बीमारियां ठीक होती है, हालांकि मेडिकल में ऐसी कोई रिसर्च नहीं हुई है. लोगों एक दूसरे की सलाह पर इसका सेवन कर लेते हैं.
दूसरी मछली खाने से भी ऐसा हो सकता है ऐसा
सर गंगा राम अस्पताल में डिपार्टमेंट ऑफ़ नेफ्रोलॉजी के चेयरमैन प्रोफेसर डॉ. ए.के भल्ला के मुताबिक, किडनी की बीमारी दूसरी मछ्लियों के सेवन से भी हो सकती है. ऐसे में मछली के गॉल ब्लैडर के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि मच्छलियों के शरीर में खुद से ही काफी पित्त बनता है. ऐसे में इनके सेवन से स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है.
सर गंगा राम अस्पताल में डिपार्टमेंट ऑफ़ नेफ्रोलॉजी के डॉ. वैभव तिवारी के मुताबिक, उन मछलियों के सेवन से लोगों को बचना चाहिए जिसमें पित्त का लेवल हाई होता है. ये भी ध्यान रखें कि मछली को सही तरीके से पकाएं. ऐसे करने से मछली में खतरनाक पदार्थों का लेवल कम हो सकता है. अगर किसी व्यक्ति को मछली के सेवन से बाद कोई परेशानी हो रही है तो इस मामले में तुरंत डॉक्टरों से मिलना चाहिए.