दिल्ली: दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ सिंगापुर में इंडियन नेवी अपना पहला समुद्री अभ्यास करने के लिए तैयार है. यह अभ्यास ऐसे वक्त हो रहा है, जब भारत-चीन के रिश्तों में दरार बढ़ती जा रही है. चीन एलएसी पर लगातार सीमा उल्लंघन करता रहता है, जिसकी वजह से पड़ोसी देश के साथ संबंध और खराब हो रहे हैं. इसकी हालिया एक झलक डिफेंस मिनिस्टर्स एसीओ मीट में भी दिखने को मिली, जब दोनों देशों के रक्षा मंत्री आमने सामने थे, लेकिन हाथ तक नहीं मिले.
इंडियन नेवी के दो प्रमुख युद्धपोत आईएनएस सतपुड़ा और स्वदेश निर्मित आईएनएस दिल्ली सिंगापुर पहुंच गए हैं. यह दोनों जहाज दस आसियान देशों के साथ आठ मई तक चलने वाले पहले आसियान भारत समुद्री अभ्यास (AIME-2023) में हिस्सा लेंगे.
#IndianNavy's warships #INSDelhi & #INSSatpura arrived Singapore for Inaugural ASEAN India Maritime Exercise (AIME).
Apart from promoting friendship & enhancing interoperability, AIME will reinvigorate traditional maritime links.#Bridgesoffriendship#SAGAR@IndiainSingapor pic.twitter.com/WqtmXxtvlh— SpokespersonNavy (@indiannavy) May 1, 2023
नौसेना चीफ ने किया AIME-23 का उद्घाटन
आसियान इंडिया मैरीटाइम एक्सरसाइज (AIME-23) का उद्घाटन समारोह सिंगापुर में 2 मई 2023 को चांगी नेवल बेस में आयोजित किया गया था. इस समारोह का उद्घाटन संयुक्त रूप से एडमिरल आर हरि कुमार और नौसेनाध्यक्ष और रियर एडमिरल सीन वाट की ओर से किया गया था.
हिंद महासागर में चीन की नेवी के जहाज लगातार अपनी हरकतें बढ़ा रहे हैं. इसी के साथ पिछले काफी लंबे समय से चीन भारत की IOR में जासूसी भी कर रहा है. ऐसे में भारत चीन के खिलाफ काउंटर तैयारियों को और मज़बूत कर रहा है.
हिंद महासागर में चुनौती दे रहा चीन- नौसेना चीफ
बता दें कि यह अभ्यास ऐसे वक्त हो रहा है, जब कुछ दिनों पहले नौसेना चीफ एडमिरल आर हरि कुमार दावा किया था कि चीन और पाकिस्तान की नेवी हिंद महासागर में भारत के लिए चुनौती पैदा कर रही हैं. नौसेना चीफ ने बताया कि चीनी नेवी ने हिंद महासागर में बड़ी संख्या में अपने जहाजों की तैनाती कर रखी है. पिछले 10 सालों में चीन ने नेवी में बड़ी संख्या में जहाजों और पनडुब्बियों को शामिल करके अपनी ताकत में इजाफा किया है.