माणा गांव: जिस तरह परेड में “पीछे मुड़” बोलते ही पहला आदमी आखरीऔर आखरी आदमी, पहले नंबर पर आ जाता है,ऐसा ही कुछ देश के आखिरी गांव मीणा गांव के साथ भी हुआ है। सीमा सड़क संगठन द्वारा सीमांत गांव माणा के प्रवेश द्वार पर देश के अंतिम गांव के जगह अब देश का पहला गांव का साइन बोर्ड लगा दिया गया है।आपको बता दें कि 21 अक्टूबर 2022 को माणा में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा माणा को भारत के अन्तिम गांव की बजाय देश का पहला गांव कहे जाने पर मुहर लगाते हुए कहा कि ‘‘अब तो उनके लिये भी सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव ही है।
भारत का ये गांव बद्रीनाथ से 3 किमी ऊंचाई पर बसा हुआ है। माणा समुद्र तल से 19,000 फुट की ऊंचाई पर बसा हुआ है। यह गांव भारत और तिब्बत की सीमा से लगा हुआ है। माणा गांव अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ कई अन्य कारणों की वजह से भी मशहूर है। इस गांव में रडंपा जाति के लोग रहते हैं। इस गांव के बारे में पहले लोग बहुत कम जानते थे लेकिन पक्की सड़कें बनने के बाद हर कोई इसके बारे बारे में जानता है।