नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को संसद के साथी सदस्यों के साथ मिलेट्स वर्ष 2023 को चिह्नित करने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर द्वारा आयोजित लंच का आनंद लिया। प्रधानमंत्री करीब 40 मिनट तक कार्यक्रम में मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी के साथ कृषि मंत्री तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी बैठे हुए नजर आए।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी जानकारी
लंच के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘जैसा कि हम 2023 को मिलेट्स के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के रूप में चिह्नित करने की तैयारी कर रहे हैं, संसद में एक शानदार लंच में शामिल हुआ, जहां मिलेट्स (मोटा अनाज, जैसे- बाजरा, जौ आदि) के व्यंजन परोसे गए।’
As we prepare to mark 2023 as the International Year of Millets, attended a sumptuous lunch in Parliament where millet dishes were served. Good to see participation from across party lines. pic.twitter.com/PjU1mQh0F3
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2022
कर्नाटक से आए थे विशेष शेफ
कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने एएनआई को बताया, ‘हमने ज्वार बाजरा और रागी से बनी रोटी और मिठाई सहित कई व्यंजन तैयार किए, जिसके लिए विशेष रूप से कर्नाटक से शेफ बुलाए गए थे। मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री ने यहां अपने भोजन का आनंद लिया।’
इन व्यंजनों को किया गया तैयार
आज जो व्यंजन बनाए गए, उनमें बाजरा से बनी खिचड़ी, रागी डोसा, रागी रोटी, ज्वार की रोटी, हल्दी की सब्जी, बाजरा, चूरमा शामिल थे। मीठे व्यंजनों में बाजरा खीर बाजरा केक सहित अन्य शामिल थे।
#WATCH | PM Narendra Modi attended a millet-exclusive lunch at the Parliament House, earlier today#InternationalYearOfMillets2023 pic.twitter.com/bjIhP8extO
— ANI (@ANI) December 20, 2022
पीएम मोदी की पहल पर 2023 को घोषित किया गया IYOM
इससे पहले, आज भाजपा संसदीय दल की बैठक के दौरान पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 मनाने पर जोर दिया और मोटे अनाज के माध्यम से चल रहे पोषण अभियान को बढ़ावा देने के तरीके सुझाए। पीएम मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को इंटरनेशल इयर आफ मिलेट्स (IYOM) घोषित किया है।
भारत सरकार ने अप्रैल 2018 में मिलेट्स यानी मोटे अनाज को पोषक अनाज के रूप में अधिसूचित किया था और पोषण मिशन अभियान में मोटे अनाज को भी शामिल किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएमएस) के तहत 14 राज्यों के 212 जिलों में मोटा अनाज के लिए पौष्टिक अनाज घटक लागू किया जा रहा है।
मोटे अनाज का प्रमुख उत्पादक है भारत
एशिया और अफ्रीका मोटे अनाज के प्रमुख उत्पादन और खपत केंद्र हैं। भारत, नाइजर, सूडान और नाइजीरिया मोटे अनाज के प्रमुख उत्पादक हैं। भारत मोटे अनाज का प्रमुख उत्पादक देश है, जिसमें ज्वार, बाजरा, रागी और छोटे बाजरा के साथ कंगनी, कुटकी या छोटा बाजरा, कोडोन, गंगोरा या बार्नयार्ड, चीन और ब्राउन टॉप शामिल हैं।
भारत के अधिकांश राज्यों में एक या एक से अधिक मोटे अनाज की प्रजातियां उगाई जाती हैं। पिछले 5 वर्षों के दौरान, हमारे देश ने 2020-21 में सबसे अधिक उत्पादन के साथ 13.71 से 18 मिलियन टन मोटे अनाज का उत्पादन किया।