उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को तीन दिवसीय दिल्ली दौरे के लिए देहरादून से रवाना हो गए हैं। यूसीसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि शुक्रवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) पर बनी कमेटी की अध्यक्ष सेवानिवृत्त जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने कहा था कि यूसीसी को लेकर कमेटी का मसौदा तैयार हो चुका है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार होने के बाद उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। ऐसे में समिति की ओर से सरकार को ड्राफ्ट सौंपे जाने के बाद प्रदेश में यूसीसी लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। एक तरफ यूसीसी को लेकर भाजपा उत्साहित नजर आ रही है। दूसरी तरफ विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है। इसी बीच बीजेपी ने यूसीसी पर विपक्ष की सहमति का शिगूफा छोड़ दिया है। इससे विपक्ष परेशान हो गया है कि आखिर विपक्ष का कौन से धड़ ने यूसीसी को लागू करने में अपनी सहमति दी है। इसके साथ ही विपक्ष यूसीसी के अध्ययन के लिए कमेटी का गठन करने जा रही है। दरअसल उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। गठित कमेटी ने यूसीसी का फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। ऐसे में कमेटी जल्द राज्य सरकार को ड्राफ्ट सौंप देगी। वर्तमान समय में यूसीसी का मुद्दा देश भर में गूंज रहा है. विपक्षी दल लगातार यूसीसी को लेकर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इसकी जरूरत क्या है। साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव से भी इसे जोड़कर देखा जा रहा है. उत्तराखंड सरकार समेत केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यूसीसी को जल्द ही लागू किया जाएगा। यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार होने के बाद जहां एक ओर सरकार आगामी तैयारियों में जुट गई है तो वहीं भाजपा यूसीसी को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि यूसीसी को प्रदेश में लागू किया जाएगा। यह बिंदु उनके चुनावी घोषणा पत्र का एक अंग है। उन्होंने कहा कि यूसीसी में जो प्रावधान हैं उसमें कोई भी ऐसा बिंदु नहीं है जिससे विवाद हो। यही वजह है कि उत्तराखंड का विपक्ष ही नहीं बल्कि केंद्र के तमाम विपक्षी दलों ने सहमति देने का प्रयास किया है। लिहाजा केंद्र में भी यूसीसी को लेकर गहन मंथन शुरू होने जा रहा है। यूसीसी पर विपक्षी दलों की सहमति के सवाल पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि बीजेपी खुद ही अपनी पीठ थपथपाती रहती है। यूसीसी में क्या कानून बने हैं? क्या नियम बने हैं? अभी उसका पता नहीं है। ऐसे में विपक्ष का समर्थन मिल कैसे रहा है? माहरा ने कहा कि उत्तराखंड में तमाम धर्म और समुदाय के लोग रहते हैं। ऐसे में सबसे सुझाव लिए गए या नहीं इसका पता नहीं है। इसके साथ ही इस ड्राफ्ट को कब विधानसभा में पारित करेंगे? कब केंद्र सरकार को भेजा जाएगा? कब लोकसभा और राज्यसभा में पारित होगा? इसका अभी कुछ पता नहीं हैं। ऐसे में ड्राफ्ट में क्या है इसका पता चलने पर ही समर्थन की बात सामने आएगी। हालांकि इसके लिए कांग्रेस भी कमेटी का गठन करने जा रही है।