दिल्ली: इन दिनों पंजाब सरकार और केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच काफी तनाव देखने को मिल रहा है. पंजाब सरकार ने आयुष्मान सेंटरों को मोहल्ला क्लीनिक में बदल दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पंजाब सरकार को 6 फरवरी को एक पत्र लिखकर चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि आयुष्मान हेल्थ और वेलनेस सेंटरों के साथ जो छेड़खानी की जा रही है उसे तत्काल रोक दिया जाए, नहीं तो केंद्र से मिलने वाले फंड पंजाब सरकार को बंद कर दिया जाएगा. इससे पंजाब की सरकार को बड़ा झटका लगेगा. वहीं, पंजाब सरकार भी इस बात पर गंभीर चिंतन कर रही है. पत्र में साफ लिखा गया है कि पंजाब सरकार ने इस बारे में केंद्र से करार किया था. मई 2018 में डिजाइन लागू करने के लिए जानकारी दे दी गई थी. नवंबर 2022 को चिट्ठी लिखकर कहा गया था कि डिजाइन को पूरी तरीके से लागू करना है. 25 जनवरी 2023 को ताकीद की गई की डिजाइन में फेरबदल ना करें.
इस योजना के तहत 1114 करोड़ रुपये का फंड दिया जाना था
केंद्र सरकार की ओर से पंजाब सरकार को इस योजना के तहत 2022-23 के लिए 1114 करोड़ रुपये का फंड दिया जाना था. जिसमें से 438 करोड़ रुपये पंजाब सरकार को दिए जा चुके हैं. इसके अलावा केंद्र की ओर से पंजाब सरकार को 401 करोड़ रुपये और आयुष्मान हेल्थ मिशन के तहत 145 करोड़ दिया जाना भी मंजूर हुआ था, लेकिन केंद्र का आरोप है कि भारत सरकार के हेल्थ मिशन के पैसों से पंजाब की सरकार ने ब्रांडिंग आम आदमी क्लीनिक कर दिए हैं. ऐसे में 28 फरवरी तक यह सारी ब्रांडिंग दुरुस्त करें और सभी जानकारी पोर्टल पर अपडेट करें, यदि पंजाब सरकार ने ऐसा नहीं किया तो तत्काल उसकी फंडिंग रोक दी जाएगी.
यह की गई है छेड़खानी
नेशनल हेल्थ मिशन के निदेशक रोली सिंह ने 6 फरवरी को पंजाब सरकार को चिट्ठी लिखकर कहा था कि आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में पीले रंग का कलर होना चाहिए, मगर पंजाब सरकार ने इसे फॉलो नहीं किया. खिड़की दरवाजे और उनके फ्रेम पारंपरिक गहरे भूरे रंग में होने चाहिए थे, मगर यह भी नहीं किया गया. ब्रांडिंग के ग्राफिक्स का डिजाइन 6 घेरों से बनना चाहिए था, जिसे पंजाब ने कई जगहों पर लागू नहीं किया है.