नई दिल्ली. चेन्नई पुलिस (Chennai) ने तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी (Tamilnadu BJP) के अध्यक्ष के अन्नामलाई पर राज्य में प्रवासी श्रमिकों पर हमले की अफवाह के बाद हिंसा भड़काने और दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में मामला दर्ज किया है. अन्नामलाई ने अपने खिलाफ मामले को झूठा बताया और तमिलनाडु पुलिस को अगले 24 घंटों के भीतर ‘उन्हें छूने’ की चुनौती दी. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “आप सोचते हैं कि आप झूठे मामले दर्ज करके लोकतंत्र को दबा सकते हैं. मैं आपको 24 घंटे का समय देता हूं और अगर आपकी हिम्मत हो तो मुझे छूकर दिखाएं.” भाजपा नेता पर सत्तारूढ़ डीएमके और उसके सहयोगियों को इस परिस्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराने के बाद उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 153ए(1)(ए), 505(1)(बी) और 505(1)(सी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
अन्नामलाई ने इससे पहले अपने बयान में डीएमके को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि उत्तर भारतीयों द्वारा किए गए कामो का “मजाक” बनाने की पार्टी की कोशिशों के कारण ही फर्जी खबरें इतनी तेजी से फैलती हैं. उन्होंने कहा, ‘उत्पत्ति के बाद से ही डीएमके एक विशेष समुदाय के खिलाफ नफरत उगल रही है. जब से डीएमके सत्ता में आई है, पार्टी के मंत्रियों और सांसदों ने अनगिनत बार अपने भाषणों में (उत्तर भारतीयों) का मजाक उड़ाया है.
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने रविवार को राज्य में कुछ प्रवासी श्रमिकों पर हमले की कथित अफवाहों के मद्देनजर तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों की किसी भी आशंका को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि राज्य के लोग अच्छे और मिलनसार हैं. राजभवन ने तमिल, अंग्रेजी और हिंदी में पोस्ट किए गए ट्वीट में कहा, श्रमिकों को घबराने की जरूरत नहीं है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के. अन्नामलाई ने शनिवार को कहा था कि राज्य में उत्तर भारतीय श्रमिकों पर हमले की सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों को फैलाया जाना दुखद है और प्रदेश के लोग अलगाववाद तथा नफरत फैलाये जाने का समर्थन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य अपने बुनियादी ढांचे, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में तथा अन्य विकास कार्यों में उत्तर भारतीय श्रमिकों के सराहनीय योगदान से अवगत है.
अन्नामलाई ने यहां एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘हम तमिल अपने उत्तर भारतीय दोस्तों के खिलाफ अलगाववाद तथा नफरत फैलाये जाने का समर्थन नहीं करते हैं. शरण मांगने वालों को जगह देने वाला तमिलनाडु सभी लोगों का अपने यहां स्वागत करता है और उन्हें अपनाता है तथा उन्हें समाज के हिस्से के रूप में स्वीकार करता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘द्रमुक की हिंदी विरोधी गतिविधियों के साथ शुरू हुआ यह घृणा अभियान अब उस स्तर पर पहुंच गया है, जो गरीब लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है.’’