नई दिल्ली. कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को जॉर्ज सोरोस की “लोकतंत्र के पुनरुद्धार” वाली टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. ट्वीट्स की एक श्रृंखला में पूर्व वित्त मंत्री ने अरबपति व्यापारी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सोरोस की अधिकांश बातों से सहमत नहीं हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मैं जॉर्ज सोरोस द्वारा पूर्व में कही गई अधिकांश बातों से सहमत नहीं था. और वो अब जो कुछ भी कह रहे हैं उससे भी सहमत नहीं हूं. भारत में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को गिराने की उनकी टिप्पणी एक बचकाना बयान है.
I did not agree with most of what George Soros had said in the past and I do not agree with most of what he says now
But to label his remarks as an "attempt to topple the democratically elected government in India" is a puerile statement
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 18, 2023
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट में कहा, “भारत की जनता तय करेगी कि सरकार में कौन रहेगा और कौन बाहर रहेगा.” उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “उन्हें नहीं पता था कि मोदी सरकार इतनी कमजोर है कि 92 साल के एक अमीर विदेशी नागरिक की बयानबाजी से उसे गिराया जा सकता है.” उन्होंने जॉर्ज सोरोस को अनदेखा करने और नूरील रौबिनी को सुनने के लिए कहा. रौबिनी ने चेतावनी दी कि भारत तेजी से बड़े निजी समूहों द्वारा संचालित हो रहा है जो संभावित रूप से प्रतिस्पर्धा को बाधित कर सकते हैं और नए प्रवेशकों को मार सकते हैं.
भाजपा ने जॉर्ज सोरोस को घेरा
इससे पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस पर तीखा निशाना साधते हुए कहा कि विदेशी ताकतें भारत के लोकतंत्र को ध्वस्त करने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने कहा कि जॉर्ज सोरोस ने भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को ध्वस्त करने के लिए फंड का ऐलान किया है और यह सबको पता है कि वो किसे फंडिंग देते हैं, किस-किस तक पैसा पहुंचाते हैं. उन्होंने कहा, “जॉर्ज सोरोस का यह ऐलान कि वो हिंदुस्तान में पीएम मोदी को झुका देंगे, हिंदुस्तान की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकार को ध्वस्त करेंगे… उसका मुंहतोड़ जवाब देश के सभी नागरिकों, संगठन और राजनीतिक दलों के साथ-साथ हर हिंदुस्तानी को देना चाहिए.”