नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में जल्द ही चुनाव कराए जाने के संकेतों के बीच चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों को सोमवार को विज्ञान भवन में आमंत्रित किया है, जहां उनके बीच नई वोटिंग मशीन (New EVM) का तकनीकी प्रदर्शन दिया जाएगा.
नई ईवीएम प्रवासियों को मतदान केंद्र पर पहुंचे बिना वोट डाने में सक्षम बनाएगी, जिसे घाटी में चुनाव कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है.
इसी हफ्ते खबर दी थी कि केंद्रशासित प्रदेश में जल्द ही चुनाव कराए जा सकते हैं. हालांकि चुनाव आयोग ने इस बैठक या ईवीएम की प्रदर्शनी को अभी तक विधानसभा चुनाव से नहीं जोड़ा है. इन प्रदर्शनी के लिए पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस को भी न्योता भेजा जा चुका है. ऐसे में केंद्र सरकार के लिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सोमवार को कौन सी पार्टियां आती हैं.
जम्मू और कश्मीर की अंतिम मतदाता सूची 25 नवंबर को प्रकाशित हुई थी, जिससे चुनावों का मार्ग प्रशस्त हुआ. धारा 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और 2019 में जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद से प्रदेश में पहला चुनाव होगा.
वर्ष 2018 में भाजपा द्वारा महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं. प्रदेश में आम तौर पर महीने भर का चुनाव कार्यक्रम होता रहा है. यहां स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने और शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यहां केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के हजारों कर्मियों को तैनात किया जाता है.
यहां करीब तीन साल के अंतराल के बाद मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया गया. इससे पहले यह 1 जनवरी, 2019 को अंतिम बार किया गया था. अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद मतदाता सूची को अपडेट नहीं किया जा सका.