मुंबई: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में आज भारतीय नौसेना में P15B स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर ‘मोरमुगाओ’ को शामिल किया गया. राजनाथ सिंह P-15B स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर ‘मोरमुगाओ’ के कमीशनिंग समारोह में हिस्सा लेने के लिए मुंबई पहुंचे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, गोवा के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और अन्य गणमान्य व्यक्ति P-15B स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर आईएनएस मोरमुगाओ के कमीशनिंग समारोह में शामिल हुए. राजनाथ सिंह ने इस मौके पर कहा कि भारत मे बनने वाले युद्धपोत में से यह एक है. इसको बनाने वालों को मैं हार्दिक बधाई देता हूं. यह कमीशनिंग महानायकों को श्रद्धांजलि है. जबकि नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि यह उपलब्धि पिछले दशक में युद्धपोत डिजाइन और निर्माण क्षमता में हमारे द्वारा उठाए गए बड़े कदमों का संकेत है. नौसेना में शहरों के नाम पर जहाजों के नाम रखने की परंपरा है, जो दोनों के बीच एक स्थाई कड़ी बनाता है.
नौसेना के प्रोजेक्ट P-15B के तहत बनाया गया मोरमुगाओ दूसरा डेस्ट्रॉयर है, जिसके तहत 2025 तक दो और युद्धपोत नौसेना को सौंपे जाएंगे. पहला P-15B डेस्ट्रॉयर ‘विशाखापत्तनम’ पिछले नवंबर में मुंबई में कमीशन किया गया था. ‘विशाखापत्तनम’ श्रेणी के डेस्ट्रॉयर को नौसेना के इन-हाउस संगठन वारशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है. नौसेना ने एक बयान में कहा कि इस शानदार डेस्ट्रॉयर की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर है. इसमें 7400 टन की विस्थापन क्षमता है और इसे भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक माना जा सकता है. यह चार गैस टर्बाइनों द्वारा चलाया जाता है और 30 समुद्री मील से अधिक की गति हासिल करने में सक्षम है. मोरमुगाओ सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों सहित आधुनिक हथियारों से लैस है. ये एक आधुनिक निगरानी रडार से लैस है जो इसे सटीक टारगेट प्रदान करता है. नौसेना ने कहा कि ये स्वदेशी रूप से विकसित एंटी-सबमरीन वारफेयर (एएसडब्ल्यू) क्षमताओं जैसे-रॉकेट लॉन्चर, टारपीडो लॉन्चर और एएसडब्ल्यू हेलीकॉप्टर से लैस है. यह परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) युद्ध की स्थितियों में लड़ सकता है. नेवी के युद्धपोत से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण, पलक झपकते ही दुश्मन को तबाह करने में सक्षम
नौसेना ने कहा कि इस डेस्ट्रॉयर में 75% स्वदेशी सामग्री है और यह ‘आत्म निर्भर भारत’ अभियान पर देश के फोकस को दिखाता है. P-15B स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर मोरमुगाओ की कमीशनिंग ऐसे समय में हुई है, जब नौसेना 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनने पर काम कर रही है. इस समय चीन सुदूर समुद्र में अपना असर बढ़ाने पर जोर दे रहा है और उसके युद्धपोत तेजी से हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे में युद्ध के लिए तैयार भारतीय युद्धपोत किसी भी असामान्य हालत से निपटने के लिए चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं.