जालंधर: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब पंजाब के जालंधर में पहुंची तो एकदम से जालंधर से सांसद संतोख सिंह चौधरी को हार्ट अटैक आ गया और उनकी मौत हो गई. उनकी मौत के बाद उनके हल्का फिल्लौर से MLA और संतोख सिंह के बेटे विक्रमजीत चौधरी ने बड़े आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि एंबुलेंस में ले जाते वक्त उनके पिता पंप करने पर सांस ले रहे थे. तभी वहां मौजूद डॉक्टरों ने हमें कहा, ‘किनारे हो जाओ, वी नो हाऊ टू डू इट’. उनके पास एमरजेंसी शॉक का भी कोई सामान नहीं था. वहां के डॉक्टर बड़ी हड़बड़ाहट में थे. बेटे ने बताया कि जिंदगी में उनका सिर्फ कैट्रेक्ट यानी आंख का ऑपरेशन कराया था.
यही नहीं विक्रमजीत चौधरी के साथ-साथ विरोधी पार्टियों ने भी आम आदमी पार्टी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. भारतीय जनता पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और सीनियर नेता मनोरंजन कालिया ने कहा कि इलाज में कोताही हुई है और इसके लिए आम आदमी पार्टी जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि चौधरी संतोख सिंह को अगर समय रहते मेडिकल एड मिल जाती तो उनको बचाया जा सकता था. राहुल गांधी के पीछे जो एंबुलेंस चल रही थी, उसमें प्रॉपर इंतजाम ही नहीं थे और इसकी सीधी जिम्मेदारी आम आदमी पार्टी की है या पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की है.
भाजपा नेता मनोरंजन कालिया ने कहा कि कम से कम जो वीआईपी के लिए तो प्रॉपर इंतजाम होने चाहिए थे. जहां लेटने की जगह थी, वहां सामान पड़ा हुआ था और डॉक्टर हड़बड़ाहट में एक दूसरे की तरफ देख रहे थे. मतलब यह वह डॉक्टर ही नहीं थे, जो ऐसी इमरजेंसी के लिए तियार हों. यह बहुत दुखद घटना है और मैं तो कहूंगा कि इसके लिए सरकार को जिम्मेदारी तय करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जो एंबुलेंस साथ में चल रही है उसमें सारे इंतजाम होने चाहिए थे. उसमें तो डॉक्टर ही इमरजेंसी के लिए तैयार नहीं थी. बड़े दुख की बात है, शर्म की बात है.
यह आम आदमी पार्टी के ऊपर प्रश्न एंबुलेंस में हुई चूक के बाद जालंधर के सिविल सर्जन डॉ रमन शर्मा से जब आजतक के संवाददाता परमजीत सिंह रंगपुरी ने बात की तो उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती गई है. बदकिस्मती से सांसद को बचा नहीं पाए. उन्होंने कहा कि मेरी सारी ही टीम से उसी समय बात हुई थी, जब 8:30 बजे उनको अटैक आया था. एंबुलेंस में डॉक्टरों ने उनका प्रोटोकॉल के हिसाब से जो इलाज होना चाहिए तो वह किया. जैसे सीपीआर हुई, कोरडिंग मसाज हुई और ऑक्सीजन दी गई. साथ ही दो बार शौक (झटका) भी लगाया गया. डॉक्टर ने मुझे बताया है कि उनके रिलेटिव को हाथ पीछे करने को भी कहा कि कहीं टच होने से उनको करंट ना लग जाए. जैसे हम शौक देते हैं तो करेंट आ जाता और 5 मिनट में दो बार शॉक दिया गया था और वही डॉक्टर उनको अस्पताल के अंदर लेकर गए और उनके साथ भी डॉक्टरों की मदद भी पूरी की. लेकिन सांसद बच नहीं सके. ऐसी कोई बात नहीं थी कि ध्यान नहीं दिया गया.
उन्होंने कहा कि एंबुलेंस की स्थिति बिल्कुल ठीक है, वह बिल्कुल नई एंबुलेंस है और उसमें सभी स्पेशलिस्ट की टीम साथ थी. मेडिकल स्पेशलिस्ट, ऑर्थो स्पेशलिस्ट गाड़ी में थे. वह सब क्वालिफाइड और अनुभवी डॉक्टर हैं. ऐसा नहीं है कि किसी नौसिखिए डॉक्टर को बिठा दिया गया हो. यह बदकिस्मती है कि सांसद जी की जान नहीं बचाई जा सकी.