नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने हाल ही में पार्टी की बैठक में नेताओं से पसमांदा मुसलमानों (Pasmanda Muslims) को पार्टी से जोड़ने के लिए कहा है. पसमांदा मुसलमान, मुसलमानों की कुल जनसंख्या का लगभग 80 फीसदी माने जाते हैं. ये बात बाहर आते ही कांग्रेस के कान खड़े हो गए. पार्टी को लगता है कि बुनकर और पसमांदा उसके परंपरागत वोटर रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी अब उसके इसी वोट बैंक पर नजर लगा बैठे हैं.
कांग्रेस ने अपने नेताओं और खासकर अल्पसंख्यक विभाग को इन तबकों के बीच जाने और उनको कांग्रेस से जोड़े रखने का प्रबंध करने को कहा है. उसके बाद अल्पसंख्यक विभाग सक्रिय हो गया है. विभाग ने पूरे देश में पहले बुनकर सम्मेलन करने और उसके बाद मनमोहन सरकार द्वारा बुनकरों को दिए गए आर्थिक पैकेज सहित उनके लिए चलाई गई योजनाओं की याद दिलाने की रणनीति बनाई है. इसे लेकर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया है कि चुनाव से पहले मुखौटा पहन लेते हैं, चुनाव खत्म तो उतार देते हैं, इनका यही काम है.
कौन हैं पसमांदा मुसलमान
पसमांदा मुसलमान तबके की वो बिरादरी होती है जो विकास की दौड़ में बाकी जातियों से पीछे रह गई है और ये ज्यादातर पिछड़े वर्ग के होते हैं. कांग्रेस पीएम के पसमांदा राग को पिछड़े वर्ग की राजनीति से जोड़कर देख रही है. कांग्रेस को डर है की जैसे हिंदुओ में पिछड़ा वर्ग बीजेपी का सॉलिड वोट बैंक बन गया है वैसे ही अब उसकी नजर पसमांदा पर है. कांग्रेस अपना वोट बैंक बचाए रखने के लिए अब मैदान में उतर रही है.