पीटीआई, नई दिल्ली/पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से सीबीआई की पूछताछ को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को जदयू और राजद पर निशाना साधा। भाजपा ने सवाल करते हुए कहा कि अगर भ्रष्टाचार के आरोप हैं तो उनकी जांच क्यों नहीं होनी चाहिए?
वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि साल 2017 में नीतीश कुमार ने लालू यादव का साथ इस वजह छोड़ दिया था, क्योंकि उन्हें इन घोटालों से जुड़े सवालों का जवाब नहीं मिल रहा था। प्रसाद ने सवाल किया कि क्या भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का जवाब दिया जाना चाहिए या नहीं?
रविशंकर प्रसाद ने नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज जब इन घोटालों को लेकर चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और जांच चल रही है तो फिर अब पछताना क्यों?
उन्होंने आगे कहा कि यह मामला कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान का है। जब चारा घोटाले के संबंध में लालू यादव के खिलाफ जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं।
इनमें से एक भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने दाखिल की थी। दूसरी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने दाखिल की थी, जिनके पीछे उस समय नीतीश कुमार का समर्थन था।
भाजपा नेता प्रसाद ने कहा कि लालू प्रसाद यादव को चार घोटाले के चार मामलों में दोषी ठहराया गया था और कुछ मामलों में अपील लंबित है। उस समय भी यह आरोप लगाए गए थे कि भाजपा के लोग बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।
इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीतीश बाबू को खुद को बिहार का ‘सुशासन बाबू’ कहना बंद करना चाहिए। उन्होंने जिस तरह से बिहार को बदहाली की ओर धकेला है, जनता जल्द ही इसके बदले में उन्हें सबक सिखाएगी।
कब-कब क्या हुआ
18 मई 22- सीबीआई ने 16 नामजद समेत अन्य अज्ञात पर मामला दर्ज किया
20 मई 22- बिहार और दिल्ली के 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई
27 जुलाई 22- पूर्व विधायक भोला यादव व रेलकर्मी हृदयानंद चौधरी गिरफ्तार
27 जुलाई 22- भोला यादव के पटना व दरभंगा के आवास पर सीबीआई का छापा
24 अगस्त 22- राजद नेताओं के बिहार, दिल्ली व गुरुग्राम के 17 ठिकानों पर छापा
7 अक्टूबर 22- सीबीआई ने लालू, राबड़ी, मीसा और हेमा समेत 17 के खिलाफ चार्जशीट दायर की