ज्योतिष शास्त्र में कई प्रकार के दोष एवं योग के विषय में बताया गया है। साथ ही यह भी बताया है कि क्या है कि कुंडली में जब नकारात्मक भाव में कोई ग्रह विराजमान होता है, तब जातक के जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जिससे उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन सभी में शनि दोष को सबसे दुखदाई माना जाता है। शनि दोष के लक्षण को पहचानना आसान है, इसलिए जातक भी इससे जुड़े कुछ लक्षणों का आंकलन कर शनि दोष (Shani Dosh in Kundli) की पहचान कर सकते हैं। साथ इस दोष से जुड़े कुछ आसान उपाय कर सकते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि शनि दोष के उत्पन्न होने से सभी कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है और स्वास्थ्य भी अनुकूल नहीं रहता है। इसके साथ जातक को धन व निजी जीवन में भी कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषाचार्य मनोज थपलियाल बताते हैं कि यदि इसका उपाय जल्दी नहीं किया जाता है, तो यह लंबे समय तक जातक के जीवन पर प्रभाव डाल सकता है।
शनि दोष के लक्षण (Shani Dosh Symptoms)
ज्योतिषाचार्य मनोज थपलियाल बताते हैं कि शनि दोष के कुछ लक्षण ऐसे सामान्य लक्षण हैं, जिनकी पहचान कर जातक इस दोष से जुड़ी जानकारी किसी ज्योतिष विद्वान से प्राप्त कर सकते हैं। यदी व्यक्ति कि समय से पहले आंखें कमजोरी होने लगती हैं या कम उम्र में ही बाल झड़ने लगते हैं तो यह शनि दोष के लक्षण हो सकते हैं। साथ ही जिस व्यक्ति के मन में भगवान के प्रति आस्था कमजोर होने लगती है या वह अपने बड़े-बुजुर्गों का अपमान करता है। तो इसे भी शनि दोष के लक्षण माना जाता है। स्वास्थ्य की बात करें तो जातक के सर में यदि अधिक दर्द रहता है और वह जरूरत से अधिक आलसी व्यवहार करता है तो यह भी शनि दोष के लक्षण हो सकते हैं।
शनि दोष कैसे होता है (Shani Dosh Reason)
शास्त्रों में शनिदेव को न्याय का देवता बताया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह व्यक्ति को कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। यदि व्यक्ति के कुंडली में शनि दोष होता है तो उसे कई प्रकार के संघर्ष का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषाचार्य थापलियाल जी के अनुसार शनि दोष की पहचान करने के लिए पहले यह पता लगाना चाहिए कि शनि ग्रह का मेल मेष राशि में ना हो अगर ऐसा है तो इसे शनि दोष कहा जाता है। इसके साथ यदि शनि ग्रह शत्रु राशि के साथ होता है तो इस अवस्था में भी शनि दोष उत्पन्न हो जाता है।
शनि दोष से मुक्ति के आसान उपाय (Shani Dosh Nivaran Upay)
इस दोष से मुक्ति के लिए शनिवार के दिन मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। इसके साथ इस दिन काले रंग के वस्तु जैसे काला वस्त्र, तिल इत्यादि शनि देव को जरूर अर्पित करें। साथ ही बताया गया है कि मंगलवार के दिन विशेष रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें और इस दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें। शनि दोष की समाप्ति के लिए शमी के पेड़ की पूजा करें और हो सके तो घर में भी इसका वृक्ष लगाएं।
शनि दोष निवारण मंत्र
* ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
* ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
* मंत्र- ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
* कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।