दिल्ली: देश में चल रहे पहलवान आंदोलन के तीन मुख्य चेहरे (बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट) अब अपनी जॉब पर वापस लौट गए हैं. पहलवान साक्षी मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, हमारा विरोध जारी रहेगा, हम अगले कुछ दिनों में तय करेंगे कि आगे की कार्रवाई क्या होगी. हम सभी अपनी नौकरी पर वापस चले गए हैं, क्योंकि रेलवे के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी है.
साक्षी मलिक का कहना है कि सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं. साक्षी मलिक की यह सफाई उन खबरों के बाद आई है जिनमें कि कहा गया था कि साक्षी मलिक पहलवानों के आंदोलन से पीछे हट गई हैं. हालांकि, साक्षी मलिक ने इन खबरों को गलत बताया. उन्होंने कहा कि इंसाफ की लड़ाई में हम में से कोई न पीछे हटा है और न हटेगा. इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी. इससे पहले साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने भी आंदोलन से पीछे हटने की खबरों को गलत बताया था.
पहलवानों ने अमित शाह से की थी मुलाकात
आपको बताते चलें कि शनिवार को ही पहलवानों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. रेसलर साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने आजतक से बातचीत में बैठक की पुष्टि की थी. वे भी इस बैठक में मौजूद थे. हालांकि, उन्होंने कहा था कि बैठक में पहलवानों ने बृजभूषण को गिरफ्तार करने की मांग उठाई थी. लेकिन ये बैठक बेनतीजा रही. उन्होंने बताया कि हमें गृह मंत्री से जो प्रतिक्रिया चाहिए थी वह नहीं मिली, इसलिए हम बैठक से बाहर आ गए. सत्यव्रत ने कहा कि हम विरोध के लिए आगे की रणनीति बना रहे हैं. हम पीछे नहीं हटेंगे हम आगे की कार्रवाई की योजना बना रहे हैं.
23 अप्रैल से धरने पर बैठे थे पहलवान
गौरतलब है कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ये पहलवान 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे. पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इससे पहले जनवरी में भी पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना दिया था.
हालांकि, तब खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवान वापस लौट गए थे. बता दें कि इस बार जह पहलवान ने नई संसद के उद्घाटन के दौरान संसद भवन के सामने ही प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी. पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी और पहलवानों के धरनास्थल को खाली करा लिया गया. इस दौरान पुलिस और पहलवानों के बीच हुई झड़प और हिरासत में लिए जाने की भी तस्वीरें सामने आई थीं.
गंगा में मेडल बहाने पहुंचे पहलवान
इसके बाद पहलवानों ने हरिद्वार जाकर गंगा नदी में अपने सभी मेडल प्रवाहित करने की योजना बनाई थी. इस योजना को किसान नेता नरेश टिकैत की गुजारिश के बाद रद्द कर दिया गया और पहलवान बिना मेडल बहाए वापस लौट आए थे. इसके बाद पहलवानों के गृह मंत्री से मुलाकात की और अपनी मांगें रखीं.
अपने काम पर लौटे पहलवान
इतने दिनों से जारी संघर्ष के बाद आज यानी सोमवार के तीनों प्रमुख पहलवान अपनी जॉब पर वापस लौट चुके हैं. हालांकि इस दौरान भी सभी का कहना है कि वो अपने काम पर वापस जरूर लौटे हैं लेकिन आंदोलन फिर भी जारी रहेगा.
बजरंग पुनिया ने ट्वीट कर कहा, आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफवाह हैं. ये खबरें हमें नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही हैं. हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है. महिला पहलवानों की FIR उठाने की खबर भी झूठी है. इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी.