देहरादून: उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार के मंत्रियों ने समय पर कैबिनेट का एजेंडा न मिलने का मसला उठाया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि सभी मंत्रियों को बैठक से 48 घंटे पहले एजेंडा मिल जाना चाहिए. जानकारी के मुताबिक, कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों ने एजेंडा देरी से मिलने पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इससे उन्हें बैठक में लाए जाने विषयों की जानकारी विलंब से मिलती है. इसका असर कैबिनेट में लिए जाने वाले फैसलों पर पड़ता है.
सचिवालय अनुदेश 1982 के नियम 11(2) के अनुसार, मंत्रिमंडल की बैठक से दो दिन पूर्व मंत्रियों को एजेंडा प्राप्त हो जाना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक, अब मंत्रिपरिषद अनुभाग की ओर से सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों को समय पर कैबिनेट नोट भेजने के निर्देश जारी होंगे. कई विभाग कैबिनेट बैठक से ऐन पहले अपने प्रस्ताव मंत्रिपरिषद विभाग को भेजते हैं.
इससे पहले पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी के कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक ली थी. बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए अधिकारी गांवों में जाकर चौपाल लगाएं और समय-समय पर वहां जाकर जन समस्याओं को सुनें और उनका मौके पर निदान करें. साथ ही तहसील दिवसों का रोस्टर बनाकर नियमित आयोजन किया जाए. सीएम धामी ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को आम जन तक पहुंचाया जाए. इसके लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 2025 तक देवभूमि उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इसके लिए जिले स्तर पर व्यापक रूप से जन जागरूकता अभियान चलाया जाए. युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम किए जाएं.