देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में जो हालत बने हुए हैं, उसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साधा रहा है. वहीं, सरकार अपने ऊपर लगे आरोपों को विपक्ष का प्रोपेगेंडा बता रहा है, जिससे जरिए उत्तराखंड को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसीलिए वो इस तरह की तर्कहीन बात रही है.मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सीधा-सीधा इशारा कांग्रेस की तरफ था. उन्होंने कहना है कि जहां एक तरफ विपक्ष के वरिष्ठ नेता जोशीमठ के मुद्दे पर उनसे आकर मिलते हैं और उन्हें सुझाव भी देते हैं, लेकिन दूसरी तरफ ही वो भारत जोड़ी यात्रा में जाकर जोशीमठ को अलग तरह से प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं, वो निश्चित रूप से उत्तराखंड राज्य के हित में नहीं है. ऐसा करके विपक्ष ने राज्य की छवि खराब करने का प्रयास किया है.
उत्तराखंड भाजपा कार्यसमिति की बैठक संपन्न, आगामी चुनावों को लेकर हुआ मंथनवहीं, जोशीमठ के ताजा हालात पर बोलते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ को लेकर विशेषज्ञों की जो भी रिपोर्ट आएगी, उस पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अध्ययन करेगा, उसके बाद जोशीमठ का जो भी सबसे अच्छा पुनर्वास हो सकता है, उस दिशा में राज्य सरकार आगे बढ़ेगी.
जोशीमठ में वजह से चारधाम यात्रा पर कितना प्रभाव पड़ेगा, इस सवाल का जवाब भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिया. उन्होंने कहा कि जोशीमठ को लेकर किसी को कोई भी कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए. आज भी जोशीमठ के अंदर में 70 प्रतिशत हिस्सा सुरक्षित है. बदरीनाथ और औली जाने के लिए मार्ग पूरी तरह से खुला हुआ है. चारधाम यात्रा सहज रूप और पूरी तरह से सुरक्षित होगी.
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तराखंड सरकार केदारनाथ पुनर्विकास और बदरीनाथ मास्टर प्लान पर काम कर रही है. सीएम धामी ने कहा कि जोशीमठ सामारिक, पौराणिक और पर्यटन की दृष्टि के महत्वपूर्ण शहर है, उस जोशीमठ शहर को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. ये अलग बात है कि कुछ लोगों विकास के एजेंटे को लेकर एक परिदृश्य बनाने का प्रयास कर रहे है, जो राज्य के हित में बिल्कुल भी नहीं है.बता दें कि शासन से मिली जानकारी के मुताबिक फिलहाल जोशीमठ में जिन घरों में दरारें आई हैं, उनकी संख्या करीब 863 है. असुरक्षित जोन में भी 181 भवन चिन्हित किये गये हैं. इसके अलावा जेपी कॉलोनी में वाटर डिस्चार्ज घट के 67 लीटर पर मिनट हो गया है, जो अच्छा संकेत है. विस्थापित किये गये परिवारों की संख्या 253 है और 43 किराये के घरों में रह रहे हैं. कुल मिलाकर 296 लोगों को विस्थापित किया गया है, जिसमें 995 लोग मौजूद हैं. अंतरिम राहत के रूप में 235 परिवारों को 3.49 करोड़ एडवांस राशि दी गई है.