उत्तराखंड केदारनाथ आपदा से प्रभावित तीर्थ पुरोहितों ने आज सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखने का ऐलान किया है। जिससे यात्रियों को परेशानी हो सकती है। दरअसल केदारनाथ आपदा से प्रभावित तीर्थ पुरोहितों को अभी तक घर नहीं मिले हैं। जिस कारण तीर्थ पुरोहितों में खासा आक्रोश है।
केदारनाथ आपदा से प्रभावित तीर्थ पुरोहितों को 2013 से भूमिधर अधिकार के तहत भवन नहीं दिए जाने और खड़े भवनों के साथ छेड़छाड़ किए जाने से आक्रोशित तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम से लेकर यात्रा पड़ावों तक बंद का ऐलान किया है। 16 सितंबर यानी आज केदारपुरी के बाजार बंद रहेंगे। जिससे तीर्थ यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। केदारनाथ व्यापार संघ के अध्यक्ष चंडी प्रसाद तिवारी ने बताया कि केदारनाथ में सभी व्यापारियों (मंदिर प्रांगण से भैरवनाथ गदेरे तक) को सूचित किया गया है कि सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ केदारनाथ से भैरव गदेरे तक के संपूर्ण व्यापारिक प्रतिष्ठान 24 घंटे बंद रहेंगे. सभी व्यापारियों से अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान पूर्ण रूप से बंद रखने को कहा गया है। वहीं अगर व्यापारी अपनी दुकानें बंद नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी सरकार नहीं जागी तो 18 सितंबर से आमरण अनशन किया जाएगा।
बता दें कि केदारनाथ धाम में वर्ष 2013 की आपदा में तीर्थ पुरोहितों के भवन ध्वस्त हो गए थे। तब से लेकर आज तक उन्हें भवन नहीं मिले हैं। साथ ही जो भवन खड़े हैं उनको भी तोड़ने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही धाम में चल रहे कार्यों में उनकी कोई राय नहीं ली जा रही है। भवनों का निर्माण मंदिर के शीर्ष से ऊपर किया जा रहा है. ऐसे में धाम की परंपरा खराब हो रही है। वहीं इससे पहले 2013 की आपदा के दौरान भी तीर्थ पुरोहित अपनी कुछ मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। उसी दौरान भी तीर्थ पुरोहितों ने बाजार बंद किया था और अब फिर से केदारनाथ धाम बंद होने जा रहा है।