जर्मनी ने बुधवार को पांच में से चार रूसी कॉन्सुलेट्स को बंद करने का फैसला किया है. जर्मनी के इस फैसले को जवाबी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है. हाल ही में मॉस्को की तरफ से कहा गया था कि रूस में अधिक से अधिक 350 जर्मन अधिकारी ही रह सकते हैं. रूस के इस फैसले के बाद जर्मनी ने चार रूसी दूतावासों को बंद करने का फैसला किया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्रिस्टोफर बर्जर ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने पांच में से चार रूसी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि इस कदम का मकसद दोनों देशों के बीच कर्मचारियों और संस्थानों की संख्या को बराबर रखना है. रूस ने जो 350 जर्मन अधिकारियों की रहने की बात कही थी, उनमें सिविल सरवेंट्स, डिप्लोमेट, स्कूल टीचर जैसे लोग शामिल हैं.
जर्मनी ने रूस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध का किया था समर्थन
डीडब्ल्यू (DW) की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने पिछले साल फरवरी में जब यूक्रेन पर हमला किया था तो जर्मनी ने रूसी गैस आयात पर अपनी निर्भरता कम कर दी थी. जर्मनी ने यूक्रेन का साथ देते हुए रूस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का समर्थन किया और दर्जनों रशियन डिप्लोमेट को सस्पेंड कर दिया था. इनमें वे लोग शामिल थे, जिन्हें बर्लिन अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता था.
रूस ने 20 जर्मन डिप्लोमेट को किया था सस्पेंड
वहीं, इस साल अप्रैल में रूस ने 20 से अधिक जर्मन डिप्लोमेट को सस्पेंड कर दिया था. इस फैसले को रूस ने बदले की कार्रवाई बताया. रूस के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा कि जर्मनी के द्वारा लिए फैसले के बदले ये कार्रवाई की गई.
जर्मनी ने लिया पांच में से चार रूसी कॉन्सुलेट्स को बंद करने का फैसला
जर्मनी ने बुधवार को पांच में से चार रूसी कॉन्सुलेट्स को बंद करने का फैसला किया है. जर्मनी के इस फैसले को जवाबी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है. हाल ही में मॉस्को की तरफ से कहा गया था कि रूस में अधिक से अधिक 350 जर्मन अधिकारी ही रह सकते हैं. रूस के इस फैसले के बाद जर्मनी ने चार रूसी दूतावासों को बंद करने का फैसला किया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्रिस्टोफर बर्जर ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने पांच में से चार रूसी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि इस कदम का मकसद दोनों देशों के बीच कर्मचारियों और संस्थानों की संख्या को बराबर रखना है. रूस ने जो 350 जर्मन अधिकारियों की रहने की बात कही थी, उनमें सिविल सरवेंट्स, डिप्लोमेट, स्कूल टीचर जैसे लोग शामिल हैं.
जर्मनी ने रूस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध का किया था समर्थन
डीडब्ल्यू (DW) की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने पिछले साल फरवरी में जब यूक्रेन पर हमला किया था तो जर्मनी ने रूसी गैस आयात पर अपनी निर्भरता कम कर दी थी. जर्मनी ने यूक्रेन का साथ देते हुए रूस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का समर्थन किया और दर्जनों रशियन डिप्लोमेट को सस्पेंड कर दिया था. इनमें वे लोग शामिल थे, जिन्हें बर्लिन अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता था.
रूस ने 20 जर्मन डिप्लोमेट को किया था सस्पेंड
वहीं, इस साल अप्रैल में रूस ने 20 से अधिक जर्मन डिप्लोमेट को सस्पेंड कर दिया था. इस फैसले को रूस ने बदले की कार्रवाई बताया. रूस के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा कि जर्मनी के द्वारा लिए फैसले के बदले ये कार्रवाई की गई.