पाकिस्तान: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को ही भारत से बातचीत की इच्छा जाहिर की थी. हालांकि, शहबाज शरीफ के बयान को 24 घंटे भी नहीं हुए हैं और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से फिर से कश्मीर का मुद्दा उठा दिया गया है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यूएई के एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि मैं भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से कहना चाहता हूं कि हम शांति से जीना चाहते हैं और अपनी समस्याओं को सुलझाना चाहते हैं.
वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को एक बार फिर भड़काऊ बयान दिया है. पाक पीएमओ ने बयान जारी करते हुए कहा है कि भारत के साथ बातचीत तभी संभव है जब भारत 5 अगस्त 2019 की अपनी अवैध कार्रवाई (प्रस्ताव) को वापस लेगा. 5 अगस्त 2019 को भारत ने जम्मू कश्मीर राज्य से आर्टिकल 370 को निरस्त करने और राज्य का विभाजन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव पास किया गया था.
क्या कहा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने
पाकिस्तानी पीएमओ ने अपने बयान में पीएम शहबाज शहरीफ के अल अरबिया टीवी को दिए इंटरव्यू का जिक्र करते हुए कहा है, “प्रधानमंत्री ने लगातार कहा है कि दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय मुद्दों को बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों से हल करना चाहिए. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि भारत सरकार की 5 अगस्त 2019 के प्रस्ताव को वापस लेने के बाद ही बातचीत हो सकती है. भारत जब तक इस प्रस्ताव को रद्द नहीं करेगा, तब तक बातचीत संभव नहीं है.” पीएमओ के प्रवक्ता ने कहा है कि कश्मीर विवाद का समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं के अनुसार होना चाहिए.
पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने भी कहा है कि भारत के साथ बातचीत के लिए मुख्य शर्त 5 अगस्त 2019 को पास किए गए प्रस्ताव का रद्दीकरण है. जब तक उस एकतरफा कदम को वापस नहीं लिया जाता, तब तक दोनों देशों के बीच कोई बातचीत संभव नहीं है.
However the Prime Minister has repeatedly stated on record that talks can only take place after India has reversed its illegal action of August 5, 2019. Without India's revocation of this step, negotiations are not possible. 2/3
— Prime Minister's Office (@PakPMO) January 17, 2023
क्या कहा था पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने
अल अरबिया टीवी को दिए इंटरव्यू के दौरान शहबाज शरीफ ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के पड़ोसी देश हैं और दोनों को एक दूसरे के साथ ही रहना है.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा था, “यह हमारे ऊपर है कि हम शांति से रहें और तरक्की करें या एक-दूसरे से झगड़ कर अपना समय और संसाधन को बर्बाद करें. उन्होंने कहा था कि भारत के साथ हमारे तीन युद्ध हुए हैं और इसने लोगों के लिए और अधिक दुख, गरीबी और बेरोजगारी ही लाई है. हमने अपना सबक सीख लिया है और हम शांति से रहना चाहते हैं. मैं पीएम मोदी को संदेश देना चाहता हूं कि हम गरीबी को कम करना चाहते हैं. तरक्की करना चाहते हैं. हम अपने लोगों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं और रोजगार देना चाहते हैं. हम बम और गोला-बारूद पर अपने संसाधनों को बर्बाद नहीं करना चाहते हैं. “