नई दिल्ली. छंटनी करने वाली टेक्नोलॉजी कंपनियों की लिस्ट में ट्विटर, फेसबुक के बाद अब गूगल का नाम भी जुड़ गया है. गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट अल्फाबेट (Alphabet) ने शुक्रवार, 20 जनवरी को कहा कि वह 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की योजना बना रही है. अगर कंपनी इतने कर्मचारियों को निकालती है तो इससे गूगल की वर्कफोर्स दुनियाभर में 6 फीसदी कम हो जाएगी. सीईओ सुंदर पिचई (Sundar Pichai) ने आज कर्मचारियों को भेजे ईमेल में यह जानकारी देते हुए कहा कि वह छंटनी के फैसले की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं.
मनीकंट्रोल पर ब्लूमबर्ग के हवाले प्रकाशित एक रिपोर्ट में गूगल द्वारा छंटनी किए जाने की जानकारी दी है. कर्मचारियों को भेजे मेल में पिचई ने लिखा है कि “फोकस बढ़ाने, कॉस्ट बेस में बदलाव करने और हमारे टैलेंट और पूंजी को हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में लगाने के लिए हमारे लिए यह बेहद अहम क्षण हैं.” गूगल के इस कदम से एचआर और कॉर्पोरेट के साथ-साथ इंजीनियरिंग और प्रोडक्ट्स टीम भी प्रभावित होंगी. गूगल ने कहा कि यह छंटनी वैश्विक स्तर पर है और अमेरिका में काम करने वाले कर्मचारियों पर इसका तत्काल असर होगा.
नई नौकरी तक कर्मचारियों को मिलेगी मदद
सुंदर पिचई ने कहा कि कंपनी निकाले गए कर्मचारियों की हर संभव मदद देगी. नौकरी ढूंढ़ने में कर्मचरियों की सहायता करने के अलावा कंपनी अमेरिका में अपने कर्मचारियों को पूरे नोटिफिकेशन पीरियड (न्यूनतम 60 दिन) का भुगतान करेगी. इसके अलावा Google 16 हफ्ते की सैलरी के साथ ही गूगल में बिताए हर साल पर दो हफ्ते का वेतन और कम से कम 16 हफ्तों का जीएसवी (गूगल स्टॉक यूनिट) सहित एक अच्छा सेवरेंस पैकेज भी देगा.
कंपनी से बाहर किए जाने वाले कर्मचारियों को 2022 का बोनस और वैकेशन के साथ ही छह महीने के लिए हेल्थकेयर, जॉब प्लेसमेंट सर्विसेज और इमिग्रेशन सपोर्ट भी दिया जाएगा. रॉयटर्स के अनुसार अमेरिका के बाहर गूगल स्थानीय नियमों के तहत कर्मचारियों को पूरा सपोर्ट देगी. इसके साथ ही, कंपनी इलिजिबल कर्मचारियों को 80 फीसदी एडवांस बोनस भी देखी.